गुरुवार, 5 जनवरी 2023

कैसे रोका जा सकता है अवैध कब्जा और अवैध घुसपैठ?

भारत में अवैध कब्जा, घुसपैठ या अनैतिक काम करने/करवाने के मूल में हैं, हमारे राजनीतिक दल । जो उनके मत के लिए ऐसे लोगों को बढ़ावा देकर सपोर्ट में खड़े हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में भारत देश में अवैध घुसपैठ और कब्जा को रोका ही नहीं जा सकता है।  कुछ लोग इसी कमजोरी का फायदा उठाकर, संविधान प्रदत्त शक्ति का गलत उपयोग करते हैं।  दिल्ली हो जो वर्तमान में उत्तराखंड के हल्द्वानी, ऐसे ही अवैध कब्जाकर और दूसरे देशों से आए हुए घुसपैठियों के द्वारा भारत में पहले अवैध रूप से घुसपैठ किया जाता है, फिर कहीं भी जाकर के झुग्गी झोपड़ी बनाकर के रहते हैं। घुस देकर मतदाता परिचयपत्र और आधार कार्ड बनवा लेते हैं। यहाँ के सरकारी भूमि पर कब्जा करके हमारे भारत के लोगों की जीविकोपार्जन का अधिकार , रोजगार का अधिकार भी छीन लेते हैं।  ऐसी स्थिति में माननीय सर्वोच्च न्यायालय और माननीय मुख्य चुनाव आयुक्त को निर्णय लेना होगा कि भारत में चाहे जो कोई भी हो अवैध रूप से कहीं भी निवास कर रहे हैं। उनका मतदाता परिचय पत्र और आधार कार्ड साथ ही राशन कार्ड नहीं बनने देना चाहिए और यदि बन भी गया है तो उन सबको तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए। यदि कोई भी राजनीतिक दल इस प्रकार के लोगों को मदद पहुंँचाते हैं या उनके पक्ष में खड़े होते हैं ऐसे राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करके उन्हें हमेशा के लिए चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित कर उनकी दल की मान्यता रद्द कर देना चाहिए । यदि व्यक्तिगत रुप से भी कोई व्यक्ति ऐसे लोगों के पक्ष में खड़े होते हैं  तो उनकी भी किसी भी प्रकार की चुनाव में खड़ा होने की , मतदान करने की अधिकार एवं नागरिकता खत्म कर उनका संपूर्ण अधिकार छीन लेने चाहिए ।यह केवल मुख्य चुनाव आयुक्त ही कर सकते हैं। इस प्रकार से अगर भारत में संविधान संशोधन होता है तो भारत में अवैध घुसपैठियों को रोका जा सकता है और इस दिशा में माननीय राष्ट्रपति , माननीय सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य चुनाव आयुक्त  के दिशा निर्देश जारी करना चाहिए। या सदन में नया कानून बनाना चाहिए।